कौन होता है मांगलिक और इसके प्रभाव क्या है?

कौन होता है मांगलिक और इसके प्रभाव क्या है?

भारत में अनेकों मान्यताओं और अंधविश्वासों को मानने वाले लोग रहते हैं| इनमे से कुछ मान्यताओं का तो वैज्ञानिक आधार है लेकिन कुछ मान्यताएं तो निराधार ही हैं| उदाहरण के तौर पर यदि कोई मांगलिक दोष वाला पुरुष या महिला बिना मांगलिक दोष वाले से शादी करे तो उसका पति या पत्नी शादी के कुछ समय के बाद ही मर जाता है| कैसा पागलपन है ना ये| इस दोष के कारण कई लड़कियां तो मानसिक रूप से बहुत परेशान हो जाती हैं यहाँ तक की आत्म हत्या जैसा विचार भी उनके मन में आता है क्यों कि कुंडली में मांगलिक दोष होने के कारण उनकी शादी नहीं हो पाती है| वैदिक ज्योतिष में मंगल दोष को एक बड़ा ज्योतिषीय दोष माना जाता है जिससे व्यक्ति की जिंदगी, शादी आदि बाधित होती हैं और यह दुर्भाग्य को जन्म देता है| यह कुज दोष, भौम दोष और अंगरखा दोष के नाम से भी जाना जाता है| ज्योतिष के अनुसार जातक की कुंडली में पहले, दुसरे, चौथे, सातवे, आठवे और बारहवें स्थान में मंगल के होने से मांगलिक दोष होता है| बारह में से इन छ में मंगल दोष होता है| जिनकी कुंडली में यह दोष होता हैं उन्हें मांगलिक कहा जाता है| हालही में बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय का मांगलिक दोष काफी चर्चा में रहा था| अपने पति अभिषेक से शादी करने से पहले उन्हें इस दोष के निवारण के लिए एक पेड़ से विवाह करना पड़ा| मांगलिक दोष के बारे में लोगों की क्या विचारधाराएँ हैं इससे पहले हमें यह जानना होगा कि मांगलिक दोष है क्या और इसके प्रभाव और इससे बचने के उपाय क्या हैं| ऐसा इसलिये क्‍योंकि मंगल ग्रह को अकेले रहना पसंद है और इस प्रकार अगर कोई अन्‍य ग्रह उसके समीप आता है तो वह उससे झगड़ा कर लेता है। इसी प्रकार मांगलिक व्‍यक्‍ति लंबे समय के लिए अपने साथी को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।

जिस जातक की जन्म कुंडली, लग्न-चंद्र कुंडली आदि मेंमंगल ग्रह, लग्न सेलग्न में (प्रथम), चतुर्थ, सप्तम,अष्टम तथा द्वादश भावोंमेंसेकहींभी स्थित हो, तो उसे मांगलिक कहतेहैं।

गोलिया मंगल ‘पगड़ी मंगल’ तथा चुनड़ी मंगल : जिस जातक की जन्म कुंडली में 1, 4, 7, 8, 12वें भाव में कहीं पर भी मंगल स्थित हो उसके साथ शनि, सूर्य, राहु पाप ग्रह बैठे हों तो व पुरुष गोलिया मंगल, स्त्री जातक चुनड़ी मंगल हो जाती है अर्थात द्विगुणी मंगली इसी को माना जाता है।

मांगलिक कुंडली का मिलान : वर, कन्या दोनों की कुंडली ही मांगलिक हों तो विवाह शुभ और दाम्पत्य जीवन आनंदमय रहता है। एक सादी एवं एक कुंडली मांगलिक नहीं होना चाहिए।

आज भी जब किसी स्त्री या पुरुष के विवाह के लिए कुंडली मिलान किया जाता है तो सबसे पहले देखा जाता है कि वह मंगली है या नहीं। ज्योतिष के अनुसार यदि कोई व्यक्ति मंगली है तो उसकी शादी किसी मंगली से ही की जानी चाहिए। इसके पीछे धारणाएं बताई गई हैं। क्या आप जानते हैं मंगली शब्द किन लोगों के लिए उपयोग किया जाता है। किन कारणों से कोई स्त्री या पुरुष मंगली होते हैं? मंगली होने के प्रभाव क्या-क्या होते हैं? यदि आप इन प्रश्नों के उत्तर नहीं जानते हैं तो यहां जानिए मंगली शब्द से जुड़ी खास बातें… मंगल से प्रभावित होते हैं मंगली ज्योतिष के अनुसार मंगली लोगों पर मंगल ग्रह का विशेष प्रभाव होता है। यदि मंगल शुभ हो तो वह मंगली लोगों को मालामाल बना देता है। मंगली व्यक्ति अपने जीवन साथी से प्रेम-प्रसंग के संबंध में कुछ विशेष इच्छाएं रखते हैं, जिन्हें कोई मंगली जीवन साथी ही पूरा कर सकता है। इसी वजह से मंगली लोगों का विवाह किसी मंगली से ही किया जाता है।