अँग्रेजी भाषा की गुलामी

1) English अंतराष्ट्रीय भाषा है ??
2) English विज्ञान और तकनीकी की भाषा है ??
3) English जाने बिना देश का विकास
नहीं हो सकता ??
4) English बहुत समृद्ध भाषा है !


मित्रो पहले आप एक खास बात जाने ! कुल 70 देश है
पूरी दुनिया मे जो भारत से पहले और भारत से बाद आजाद
हुए हैं भारत को छोड़ कर उन सब मे एक बार सामान्य हैं
कि आजाद होते ही उन्होने अपनी
मातृ भाषा को अपनी राष्ट्रीय भाषा घोषित कर
दिया ! लेकिन शर्म की बात है भारत आजादी के 65 साल
बाद भी नहीं कर पाया आज भी भारत मे सरकारी सतर
की भाषा अँग्रेजी है !
अँग्रेजी के पक्ष में तर्क और उसकी सच्चाई :
1). अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है:: दुनिया में इस समय
204देश हैं और मात्र 12 देशों में अँग्रेजी बोली, पढ़ी और
समझी जाती है। संयुक्त राष्ट संघ जो अमेरिका में है
वहां की भाषा अंग्रेजी नहीं है, वहां का सारा काम फ्रेंच
में होता है। इन अंग्रेजों की जो बाइबिल है
वो भी अंग्रेजी में नहीं थी और ईशा मसीह
अंग्रेजी नहीं बोलते थे। ईशा मसीह की भाषा और बाइबिल
की भाषा अरमेक थी। अरमेक
भाषा की लिपि जो थी वो हमारे बंगला भाषा से
मिलती जुलती थी, समय के कालचक्र में वो भाषा विलुप्त
हो गयी। पूरी दुनिया में जनसंख्या के हिसाब से सिर्फ
3% लोग अँग्रेजी बोलते हैं। इस हिसाब से
तो अंतर्राष्ट्रीय भाषा चाइनिज हो सकती है क्यूंकी ये
दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाती है और
दूसरे नंबर पर हिन्दी हो सकती है।
2. अँग्रेजी बहुत समृद्ध भाषा है::
किसी भी भाषा की समृद्धि इस बात से तय होती है
की उसमें कितने शब्द हैं और अँग्रेजी में सिर्फ 12,000 मूल
शब्द हैं बाकी अँग्रेजी के सारे शब्द चोरी के हैं
या तो लैटिन के, या तो फ्रेंचके, या तो ग्रीक के,
या तो दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देशों की भाषाओं के हैं।
आपने भी काफी बार किसी अँग्रेजी शब्द के बारे मे
पढ़ा होगा ! ये शब्द यूनानी भाषा से लिया गया है !
ऐसी ही बाकी शब्द है !
उदाहरण: अँग्रेजी में चाचा, मामा, फूफा, ताऊ सब UNCLE
चाची, ताई, मामी, बुआ सब AUNTY
क्यूंकी अँग्रेजी भाषा में शब्द ही नहीं है।
जबकि गुजराती में अकेले 40,000 मूल शब्द हैं। मराठी में
48000+ मूल शब्द हैं जबकि हिन्दी में 70000+ मूल शब्द
हैं। कैसे माना जाए अँग्रेजी बहुत समृद्ध भाषा है ??
अँग्रेजी सबसे लाचार/पंगु/ रद्दी भाषा है क्योंकि इस
भाषा के नियम कभी एक से नहीं होते। दुनिया में सबसे
अच्छी भाषा वो मानी जाती है जिसके नियम हमेशा एक
जैसे हों, जैसे: संस्कृत। अँग्रेजी में आज से 200 साल पहले This
की स्पेलिंग Tis होती थी।
अँग्रेजी में 250 साल पहले Nice मतलब बेवकूफ
होता था और आज Nice मतलब अच्छा होता है।
अँग्रेजी भाषा में Pronunciation कभी एक
सा नहीं होता। Today को ऑस्ट्रेलिया में Todie
बोला जाता है जबकि ब्रिटेन में Today. अमेरिका और
ब्रिटेन में इसी बात का झगड़ा है क्योंकि अमेरीकन
अँग्रेजी में Zका ज्यादा प्रयोग करते हैं और ब्रिटिश
अँग्रेजी में S का, क्यूंकी कोई नियम ही नहीं है और
इसीलिए दोनों ने अपनी अपनी अलग अलग अँग्रेजी मान
ली।
3. अँग्रेजी नहीं होगी तो विज्ञान और तकनीक की पढ़ाई
नहीं हो सकती:: दुनिया में 2 देश इसका उदाहरण हैं
की बिना अँग्रेजी के भी विज्ञान और तकनीक की पढ़ाई
होटी है- जापान और फ़्रांस । पूरे जापान में इंजीन्यरिंग,
मेडिकल के जीतने भी कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं सबमें
पढ़ाई”JAPANESE” में होती है, इसी तरह फ़्रांस में
बचपन से लेकर उच्चशिक्षा तक सब फ्रेंच में
पढ़ाया जाता है।
हमसे छोटे छोटे, हमारे शहरों जितने देशों में हर साल
नोबल विजेता पैदा होते हैं लेकिन इतने बड़े भारत में
नहीं क्यूंकी हम विदेशी भाषा में काम करते हैं और
विदेशी भाषा में कोई भी मौलिक काम
नहीं किया जा सकता सिर्फ रटा जा सकता है। ये
अँग्रेजी का ही परिणाम है की हमारे देश में नोबल
पुरस्कार विजेता पैदा नहीं होते हैं क्यूंकी नोबल पुरस्कार
के लिए मौलिक काम करना पड़ता है और कोई भी मौलिक
काम कभी भी विदेशी भाषा में नहीं किया जा सकता है।
नोबल पुरस्कार के लिए P.hd, B.Tech, M.Tech
की जरूरत नहीं होती है। उदाहरण: न्यूटन कक्षा 9 में फ़ेल
हो गया था, आइंस्टीन कक्षा 10 के आगे पढे ही नही और
E=hv बताने वाला मैक्स प्लांक कभी स्कूल गया ही नहीं।
ऐसी ही शेक्सपियर, तुलसीदास, महर्षि वेदव्यास आदि के
पास कोई डिग्री नहीं थी, इन्होने सिर्फ अपनी मात्र
भाषा में काम किया।
जब हम हमारे बच्चों को अँग्रेजी माध्यम से हटकर
अपनी मात्र भाषा में पढ़ाना शुरू करेंगे तो इस अंग्रेज़ियत
से हमारा रिश्ता टूटेगा।
क्या आप जानते हैं जापान ने
इतनी जल्दी इतनी तरक्की कैसे कर ली ? क्यूंकी जापान के
लोगों में अपनी मात्र भाषा से जितना प्यार है
उतना ही अपने देश से प्यार है। जापान के बच्चों में बचपन
से कूट- कूट कर राष्ट्रीयता की भावना भरी जाती है।
* जो लोग अपनी मात्र भाषा से प्यार नहीं करते
वो अपने देश से प्यार नहीं करते सिर्फ झूठा दिखावा करते
हैं। *
दुनिया भर के वैज्ञानिकों का मानना है की दुनिया में
कम्प्युटर के लिए सबसे अच्छी भाषा ‘संस्कृत’ है। सबसे
ज्यादा संस्कृत पर शोध इस समय जर्मनी और अमेरिका चल
रही है। नासा ने ‘मिशन संस्कृत’ शुरू किया है और
अमेरिका में बच्चों के पाठ्यक्रम में संस्कृत को शामिल
किया गया है। सोचिए अगर
अँग्रेजी अच्छी भाषा होती तो ये अँग्रेजी को क्यूँ छोड़ते
और हम अंग्रेज़ियत की गुलामी में घुसे हुए है। कोई भी बड़े से
बड़ा तीस मार खाँ अँग्रेजी बोलते समय सबसे पहले
उसको अपनी मात्र भाषा में सोचता है और फिर
उसको दिमाग में Translate करता है फिर दोगुनी मेहनत
करके अँग्रेजी बोलता है। हर व्यक्ति अपने जीवन के अत्यंत
निजी क्षणों में मात्र भाषा ही बोलता है। जैसे: जब कोई
बहुत गुस्सा होता है तो गाली हमेशा मात्र भाषा में
ही देता हैं।
॥ मात्रभाषा पर गर्व करो…..अँग्रेज
ी की गुलामी छोड़ो॥
अभी जो आपने ऊपर पढ़ा ये राजीव दीक्षित जी के
(अँग्रेजी भाषा की गुलामी ) वाले व्यख्यान का सिर्फ 10
% लिखा है !

जलियांवाला बाग़ की कहानी

1919 को एक करूर अंग्रेज़ अधिकारी भारत मे आया था जिसका नाम था डायर ! अमृतसर मे उसकी पोस्टिंग की गई थी और उसने एक रोलेट एक्ट नाम का कानून बनाया जिसमे नागरिकों के मूल अधिकार खत्म होने वाले थे ! और नागरिकों की जो थोड़ी बहुत बची कूची आजादी थी वो भी अंग्रेज़ो के पास जाने वाली थी !

इस रोलेट एक्ट का विरोध करने के लिए 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग मे एक बड़ी सभा आयोजित की गई थी ! जिसमे 25000 लोग शामिल हुए थे ! उस बड़ी सभा मे डायर ने अंधाधुंध गोलियां चलवायी थी ! अगर आप मे से किसी ने पुलिस या सेना मे नोकरी की हो तो आप अंदाजा लगा सकते हैं ! 15 मिनट के अंदर 1650 राउंड गोलियां चलवाई थी डायर ने ! और 3000 क्रांतिकारी वहीं तड़प तड़प के मर गए थे !

आप मे से किसी ने जलियाँवाला बाग देखा हो तो वहाँ अंदर जाने और बाहर आने के लिए एक ही दरवाजा है ! चार दीवारी से घिरा हुआ है और दरवाजा भी मुश्किल से 4 से 5 फुट चोड़ा है ! उस दरवाजे के बाहर डायर ने टॉप लगवा दी थी ताकि कोई निकल के बाहर न जा पाये ! और अंदर उसके दो कुएं है जिसको अंधा कुंआ के नाम से जाना जाता है ! 1650 राउंड गोलियां जब चलायी गई ! जो लोग गोलियों के शिकार हुये वो तो वही शहीद हो गए और जो बच गए उन्होने ने जान बचाने के लिए कुएं मे छलांग लगा दी और कुंआ लाशों से भर गया !

और 15 मिनट तक गोलियां चलाते हुए डायर वहाँ से हँसते हुए चला गया और जाते हुये अमृतसर की सड्को पर जो उसे लोग मिले उन्हे गोलियां मार कर तोप के पीछे बांध कर घसीटता गया ! इसके लिए उसे अँग्रेजी संसद से ईनाम मिला था उसका प्रमोशन कर दिया गया था और उसको भारत से लंदन भेज दिया गया था और बड़े ओहदे पर !

उधम सिंह उस वक्त 11 साल के थे और ये ह्त्याकांड उन्होने अपनी आंखो से देखा था ! और उन्होने संकल्प लिया था संकल्प ये था जिस तरह डायर ने मेरे देश वासियो को इतनी क्रूरता से मारा हैं इस डायर को मैं जिंदा नहीं छोड़ूँगा ! यही मेरी ज़िंदगी का आखिरी संकल्प हैं ! आपको एक और बात मालूम होगी उधम सिंह की ! वह घर से गरीब थे माता पिता का साया उनसे उठ चुका था आनाथ आश्रम मे बड़े हुये थे पल कर ! बड़े भाई थे उनकी मौत हो चुकी थी किसी बीमारी से !

अब आर्थिक हालत अच्छे नहीं थे संकल्प ले लिया था डायर को मारने का ! उसके लिए योजना बनाई लंदन जाने की ! उसके लिए पैसे नहीं थे ! तो उन्होने सोचा मैं किसी आगे हाथ फैलाऊँ इससे अच्छा खुद मेहनत-मजदूरी करूँ ! फिर उन्होने carpenter (लकड़ी का काम किया) ! और कुछ पैसे कमा अमेरिका गए अमेरिका से फिर लंदन गए ! लंदन जाकर फिर किसी होटल मे नोकरी की पानी पिलाने की ताकि कुछ पैसे इकठे हो और उससे बंदूक खरीदी जा सके !

और ये सब काम करते करते शहीदे आजम उधम सिंह को 21 साल लग गए पूरे 21 साल ! 1919 मे हत्याकांड हुआ था 1940 मे 21 साल बाद उन्होने अपना संकल्प पूरा किया 21 साल वो मेहनत करते रहे भागते रहे जिंदा रहे अपना संकल्प पूरा करने ले लिए ! 1940 मे Caxton Hall एक जगह है लंदन मे वहाँ डायर को सम्मान दिया जा रहा था मालाएँ आदि पहनाई जा रही थी उधम सिंह वहाँ पहुंचे थे और बंदूक निकाल 3 गोलियां मारी थी ! 3 गोलियां मार कर एक ही वाकय कहा था कि आज मैंने 21 साल पहले लिया अपना संकल्प पूरा कर लिया है ! और मैं अब इसके बाद एक मिनट जिंदा नहीं रहना चाहता ! तो जब बंदूक अंग्रेज़ अधिकारी को सोंपी तो अंग्रेज़ अधिकारी के हाथ कांप रहे थे ! उसको लग रहा था कहीं मुझे भी न मार दे ! तो उधम सिंह ने कहा घबराओ मत मेरे तुमसे कोई दुश्मनी नहीं है मेरी तो डायर से दुश्मनी थी जिसने मेरे देश के 3000 बेकसूर लोगो को तड़पा -तड़पा कर मारा था !

तो मित्रो हमारे क्रांतिकारियों का इतना ऊंचा आदर्श था जो संकल्प लिया है उसी की पूर्ति के लिए जीवन लगा देना है उसके लिए बेशक 10 साल लगे 15 साल लगे ! 20 लगे 21 साल लगे ! ये शहीदे आजम उधम सिंह से हम सबको सीखने को मिलता है !

विक्स अमेरिका व यूरोपियन देशो में बैन है लेकिन भारत में बेची जा रही है

मित्रो भारत मे एक विदेशी कंपनी हैं procter and gamble ( P&G ) ! जो भारत मे vicks vaporub नाम की एक दवा बेचती है ! क्या आप जानते हैं VICKS नाम की दावा अमेरिका में बनाना और बेचना दोनों जुर्म है, WHO (world health organisation ) ने खुद इसे जहर घोषित किया है !
आप google पर भी “vicks vaporub banned ” लिख कर search कर सकते हैं ! अमेरिका मे अगर किसी डॉक्टर ने किसी को VICKS vaporub की prescription लिख दे तो उस डॉक्टर को 14 साल की जेल हो जाती है, उसकी डिग्री छीन ली जाती है |

क्यूंकि की vicks vaporub जहर है, ये आपको दमा, अस्थमा, ब्रोंकिअल अस्थमा कर सकता है | इसीलिए दुनिया भर में WHO और वैज्ञानिको ने इसे जहर घोषित किया | और ये जहर भारत में सबसे ज्यादा बिकता है विज्ञापनो की मदद से |

लेकिन क्या आप जानते हैं ?? भारत मे एक कानून है ? उस कानून के अनुसार किसी भी दवा का विज्ञापन टीवी,अखबार, या किसी भी मैगजीन पे नही दिया जा सकता ! लेकिन इसके बावजूद भी पैसे के ताकत से, घूसख़ोरी से ये सब होता है ! और द्वाईयों के विज्ञापन लगातार टीवी, अखबारों आदि मे दिखाये जाते हैं !

और ये vicks vaporub नाम की दवा कितनी महंगी आपको बेची जाती है !

25 ग्राम 40 रूपये की है
तो 50 ग्राम 80 रूपये की
तो 100 ग्राम 160 रूपये की

मतलब 1 किलो vicks की 1600 रूपये हुई ! 1600 रूपये किलो का जहर खरीद आप खुद लगा रहे हैं और अपने बच्चों को लगा रहे हैं ! जिससे आपको दमा, अस्थमा, ब्रोंकिअल अस्थमा TB हो सकता है !!

सर्दी खांसी की आयुर्वेद मे बहुत अच्छी दवा है उसका नाम है ! दालचीनी (ध्यान रहे ये दालचीनी आम घरो मे होने वाली आम दाल और चीनी नहीं है ) ज्यादा न पता हो तो google पर “दालचीनी” लिख photo देख लें ! इस दालचीनी को पीस ले और एक चम्मच शहद के ऊपर कुछ चुटकी डाले और सीधा निगल जाएँ बहुत ही ज्यादा लाभकारी हैं ! अगर किसी को गले मे ज्यादा दर्द हो या tonsils की समस्या हो ! तो आप एक चुटकी शुद्ध हल्दी बिलकुल गले मे घंटी की पास रखे ! मात्र 3 दिन करने से आपको बहुत अधिक लाभ होगा !!

इस vicks नाम के जहर को घर से बाहर फेंके और RTI माध्यम से सरकार से सवाल करे की अगर ये अगर अमेरिका मे ban है तो भारत मे क्यूँ बिक रही है !! एक भाई ने 28 जनवरी 2013 को RTI की website पर सवाल भी पूछा था लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया !!

vicks पेट्रोलियम जेल्ली से बनता है जिसकी कीमत 60 -70 रुपिया किलो है और विक्स की बिक्री में procter and gamble कंपनी को 20000 % से जादा का मुनाफा है | ये मुनाफा आप की जेब से लूटा जा रहा है और सरकार इस घोटाले में शामिल है | सरकार ने लाइसेन्स दे रखी है, आँखे बंद कर रखी है और कंपनी देश को लूटा जा रहा है |

रामसेतु तोड़ने का कारण

दोस्तो 1998 मे जब भारत ने परमाणु बोम्ब ब्लास्ट किया था तो अमेरिका को हमसे बहुत आग लगी !

और अमेरिका ने भारत को परमाणु बंब बनाने के लिए यूरेनियम देना बंद कर दिया था,

इसके इलवा अमेरिका ने भारत की कंपनियों को अमेरिका मे घुसने पर रोक लगाई !

फिर अचानक अमेरिका के दिल में इतनी दया कैसे आई ???
कि वो भारत को यूरेनियम देने के लिए तैयार हो गया !

इसकी शुरुआत तब होती है, जब पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति जोर्ज बुश भारत आये थे और एक सिविल न्यूक्लीयर डील पर हस्ताक्षर किये गए जिसके अनुसार अमरीका भारत को युरेनियम-235 देने की बात कही l उस समय पूरी मीडिया ने मनमोहन सिंह की तारीफों के पुल बांधे और इस डील को भारत के लिए बड़ी उपलब्धि बताया, पर पीछे की कहानी छुपा ली गयी l

असल बात कुछ और है और वो बात बहुत गहरी है | भारत के वैज्ञानिक पिछले कई वर्षो से ये खोजने में लगे हुए है के यूरेनियम के अतिरिक्त और कोन सा हमारे पास रेडियो एक्टिव इंधन है जिससे हम बोम्ब बना सके या बिजली भी बना सके |

Atomic Energy Commission के 6000 वैज्ञानिक पिछले 40 सालो से इसी काम में लगे हुए है | उनको पता चला के भारत के तमिलनाडु , केरल का जो समुद्री एरिया है उहाँ पर बहुत बड़ी मात्रा में ऐसा रेडियो एक्टिव इंधन है जिससे अगले 150 साल तक बिजली बनायीं जा सकती है और दुसरे देशो से भीख मांगने की भी जरुरत नही होगी |

डॉ कालाम का कहना था के 3 लाख Mega-watt बिजली हर घंटे अगले 240 साल तक बना सकते है | और ये बात अब्दुल कलाम जी ने रीटायर होने के बाद अपने पहले interview मे कही थी !

अब अमेरिका की नज़र हमारे उस इंधन पे है और वो चाहता है भारत उस इंधन को अमेरिका को दे और बदले में अमेरिका थोडा बहुत यूरेनियम हमको दे |

इस खेल को पूरा करने के लिए अमेरिका श्री राम सेतु को तोड़ना चाहता है ! और इस काम को पूरा करने के लिए अमेरिकी एजेंट मनमोहन सिंह जो पिछले 20 साल से भारत सरकार मे बैठा है !!

सुप्रीम कोर्ट मे भी case चल रहा है ! अभी date पर date पर रही है ! वहाँ केंद्र सरकार कॉंग्रेस और मनमोहन सिंह तर्क देते है !! कि ये सेतु श्री राम नहीं बनाया ! श्री राम तो एक कल्पना है ! श्री राम तो कभी हुए ही नहीं !!

जबकि कुछ साल अमरीकी अन्तरिक्ष एजेंसी NASA ने ही रामसेतु की पुष्टि अपनी रिपोर्ट में की है l ! आज भी आपको वहाँ ऐसे पत्थर मिल जाएँगे ! जिस पर राम लिखा है और वो पानी मे तैरते है !!

सिखो के धार्मिक ग्रंथ (श्री गुरु ग्रंथ साहिब )मे 55000 से ज्यादा बार श्री राम का नाम आता है ! और ये अमरेकी agent मनमोहन सिंह ऐसे गंदी हरकत कर अपने धर्म पर भी कलंक है !!

दोस्तो क्या आप जानते है श्री राजीव दीक्षित जी ने 1997 मे ही इस मनमोहन singh को अमरीका का agent घोषित कर दिया था ! और ऐसा कहा था ! 101% ये मनमोहन सिंह america का agent है जो भारत सरकार मे बैठा है !!

आप यहाँ click कर सिर्फ पहले 40 min ध्यान से सुने और समझे राजीव दीक्षित जी का 1997 का lecture !!!

Via_ http://bit.ly/ThaluaClub

66 के युद्ध में चीन से हार का कारण थे नेहरू व मेनन

..1966.. के पाकिस्तान के भारत पर होने वाले हमले से पूर्व चीन ने भारत पर हमला किया था 1962 ने !
और ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हमला था ! इसको इसलिए दुर्भाग्यपूर्ण माना जाता है कि उस समय vk krishna menon जैसा नेता भारत का रक्षा मंत्री था !!

दुर्भाग्यपूर्ण वाली बात ये है कि VK krishan menon थे तो भारत के रक्षा मंत्री लेकिन हमेशा विदेश घूमते रहते थे ! उनको हिदुस्तान रहना अच्छा ही नहीं लगता था आमेरिका अच्छा लगता था !फ्रांस अच्छा लगता था !ब्रिटेन अच्छा लगता था ! नुयोर्क उनको हमेशा अच्छा लगता था ! उनकी तो मजबूरी थी कि भारत मे पैदा हो गए थे ! लेकिन हमेशा उनको विदेश रहना और वहाँ घूमना ही अच्छा लगता था ! और जो काम उनको रक्षा मंत्री का सौंपा गया था उसको छोड़ वो बाकी सब काम करते थे ! विदेश मे घूमते रहना !कभी किसी देश कभी किसी देश मे जाकर कूट नीति ब्यान दे देना ! !

और ये किस तरह के अजीब किसम के आदमी थे !आप इस बात से अंदाजा लगा सकते है ! 1960 -61 मे एक बार संसद मे बहस हो रही थी तो वीके कृशन ने खड़े होकर अपनी तरफ से एक प्रस्ताव रखा !

प्रस्ताव क्या रखा ??

उन्होने कहा देखो जी पाकिस्तान ने तो 1948 मे हमसे समझोता कर लिया कि वह आगे से कभी हम पर हमला नहीं करेगा ! और दुनिया के आजू-बाजू मे और कोई हमारा दुश्मन है नहीं ! तो हमे बार्डर पर सेना रखने कि क्या जरूरत है सेना हटा देनी चाहिए ! ऐसे उल्टी बुद्धि के आदमी थे vk krishan menon ! और ये बात वो कहीं साधारण सी बैठक मे नहीं लोकसभा मे खड़े होकर बोल रहे थे ! कि ये सेना हमको हटा देनी चाहिए ! इसकी जरूरत नहीं है !!

तो कुछ सांसदो मे सवाल किया कि अगर भविष्य मे किसी देश ने हमला कर दिया तो कया करेंगे ???? अभी तो आप बोल रहे है कि सेना हटा लो ! पर अमरजनसी जरूरत पड़ गई तो कया करेंगे ???
तो उन्होने ने कहा इसके लिए पुलिस काफी है ! उसी से काम चला लेगे ! ऐसा जवाब vk krishann manon ने दिया !!

ऐसी ही एक बार कैबनेट कि मीटिंग थी प्रधान मंत्री और बाकी कुछ मंत्री माजूद थे ! vk kirshan ने एक प्रस्ताव फिर लाया और कहा ! देखो जी हमने सीमा से सेना तो हटा ली है ! अगर सेना नहीं रखनी तो पैसे खर्च करने कि क्या जरूरत है ! तो बजट मे से सेना का खर्च भी कम कर दिया !

और तो और एक और मूर्खता वाला काम किया ! उन्होने कहा अगर सेना ही नहीं है तो ये बंब,बंदुके
बनाने की क्या जरूरत है ! तो गोला बारूद बनाने वाले कारखानो मे उत्पादन पर रोक लगा दी और वहाँ काफी बनाने के प्याले चाय बनाने के प्याले आदि का काम शुरू करवा दिया !!

और उनको जो इस तरह के बयान आते थे तो चीन को लगा कि ये तो बहुत मूर्ख आदमी है ! कहता है सेना को हटा लो ! सेना का खर्चा कम कर दो ! गोला बारूद बनाना बंद कर दो ! और खुद दुनिया भर मे घूमता रहता है ! कभी सेना के लोगो के पास न जाना ! सेना के साथ को meeting न करना ! इस तरह के काम करते रहते थे !

तो चीन को मौका मिल गया ! और चीन एक मौका ये भी मिल गया !चीन को लगा की vk kirashan तो प्रधानमंत्री (नेहरू ) के आदमी है !! तो शायद नेहरू की भी यही मान्यता होगी ! क्यूंकि vk krishan नेहरू का खास दोस्त था तो नेहरू ने उसको रक्षा मंत्री बना दिया था ! वरना vk krishan कोई बड़ा नेता नहीं था देशा का ! जनता मे कोई उनका प्रभाव नहीं था ! बस नेहरू की दोस्ती ने उनको रक्षा मंत्री बना दिया !!

और वो हमेशा जो भाषण देते थे !लंबा भाषण देते थे 3 घंटे 4 घंटे ! लेकिन आप उनके भाषण का सिर पैर नहीं निकाल सकते थे कि उन्होने बोला क्या ! ऐसे मूर्ख व्यक्ति थे vk krishan menon !

तो ये सब मूर्खता देख कर चीन ने भारत पर हमला किया और भारत का एक इलाका था aksai chin !
वहाँ चीन ने पूरी ताकत से हमला किया ! और हालात क्या थे आप जानते है ! सेना को वापिस बुला लिया था पहले ही !! सेना का बजट कम था ! गोला बारूद के कारखाने बंद थे !! तो चीनी सैनिको ने बहुत मनमानी कि उस askai chin के क्षेत्र मे !!

और जो सबसे बुरा काम किया ! चीनी सैनिको ने सैंकड़ों महिलाओ के साथ जमकर बलत्कार किए !! वहाँ हजारो युवको कि ह्त्या करी ! askai chin का जो इलाका है वहाँ सुविधाए कुछ ऐसे है कि लोग वैसे ही अपना जीवन मुश्किल से जी पाते है ! रोज का जीवन चलाना ही उनको लिए किसी युद्ध से कम नहीं होता ऊपर से चीन का हमला !!

तो वहाँ के लोगो ने उस समय बहुत बहुत दुख झेला ! और वहाँ हमारी सेना नहीं थी ! तो वहाँ लोगो के मन हमारी सरकार के विरुद्ध एक विद्रोह की भावना उतपन हुई ! और वो आज भी झलकती है ! आज भी आप वहाँ जाये तो वहाँ लोग ये सवाल करते है कि जब चीन ने हमला किया था तो आपकी सेना कहाँ थी ! और सच है हम लोगो के पास इसका कोई जवाब नहीं ! तो उनमे एक अलगाव कि भावना उतपन हुई जो अलग क्षेत्र की मांग करने लगे !!!

तो हमले मे चीन ने हमारी 72 हजार वर्ग मील जमीन पर कब्जा कर लिया ! और हमारा तीर्थ स्थान कैलाश मानसरोवर भी चीन के कब्जे मे चला गया ! और बहुत शर्म कि बात है आज हमे अपने तीर्थ स्थान पर जाने के लिए चीन से आज्ञा लेनी पड़ती है ! और इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ नेहरू और vk krishan menon जैसे घटिया और मूर्ख किसम के नेता थे !!!



तो युद्ध के बाद एक बार संसद मे भारत-चीन युद्ध पर चर्चा हुई ! सभी सांसदो के मुह से जो एक स्वर सुनाई दे रहा था ! वो यही था !कि किसी भी तरह चीन के पास गई 72 हजार वर्ग मील जमीन और हमारा तीर्थ स्थान कैलाश मानसरोवर वापिस आना चाहिए !

महावीर त्यागी जी जो उस समय के बहुत महान नेता थे !उन्होने ने सीधा नेहरू को कहा कि आप ही थे जिनहोने सेना हटाई ! सेना का बजट कम किया ! गोला बारूद बनाने के कारखाने बंद करवाये! आप ही के लोग विदेशो मे घूमा करते थे ! और आपकी इन गलितयो ने चीन को मौका मिला और उसमे हमला किया और हमारी 72 हजार वर्ग मील जमीन पर कब्जा कर लिया !!

अब आप ही बताए कि आप ये 72 हजार वर्ग मील जमीन को कब वापिस ला रहे है ?????!

तो इस हरामखोर नेहरू का जवाब सुनिए ! नेहरू ने कहा फिर क्या हुआ अगर वो जमीन चली गई ! चली गई तो चली गई ! वैसे भी बंजर जमीन थी घास का टुकड़ा नहीं उगता था ! ऐसी जमीन के लिए क्या चिंता करना !!

तो त्यागी जी ने बहुत ही बढ़िया जवाब दिया ! त्यागी जी ने कहा नेहरू जी उगता तो आपके सिर पर भी कुछ नहीं ! तो इसको भी काट कर चीन को देदो ! और इत्फ़ाक से नेहरू उस समय पूरी तरह गंजा हो चुका था !!

तो दोस्तो इस नेहरू ने धरती माँ को एक जमीन का टुकड़ा मान लिया ! और अपनी गलती मानने के बजाय ! उल्टा ब्यान दे रहा है जमीन चली गई तो चली गई !

इससे ज्यादा घटिया बात कुछ और नहीं हो सकती ! !

और लानत है भारत की जनता पर आज चीन युद्ध के 50 साल बाद भी नेहरू परिवार के वंशज देश चला रहे हैं !! हमे दिन रात लूट रहे हैं !हमे मूर्ख बना रेह हैं !


आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !
अमर शहीद राजीव दीक्षित जी की जय !!

1962 का युद्ध सारी घटना यहाँ देखे !!

Via_ http://bit.ly/ThaluaClub

क्या आप शाकाहारी है ? तो ये सच आपको चौंका सकता है

भारत मे कुल 3600 बड़े कत्लखाने है जिनके पास पशुओ को काटने का लाईसेंस है !! जो सरकार ने दे रखा है ! इसके इलावा 35000 से अधिक छोटे मोटे कत्लखाने है जो गैर कानूनी ढंग से चल रहे है ! कोई कुछ पूछने वाला नहीं ! हर साल 4 करोड़ पशुओ का कत्ल किया जाता है ! जिसने गाय ,भैंस ,सूअर,बकरा ,बकरी ,ऊंट,आदि शामिल है ! मुर्गीया कितनी काटी जाती है इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है !

गाय का कतल होने के बाद मांस उत्पन्न होता है और मांसाहारी लोग उसे भरपूर खाते है | भारत के 20% लोग मांसाहारी है जो रोज मांस खाते है और सब तरह का मांस खाते है | मांस के इलावा दूसरी जो चीज प्राप्त की जाती है वो है तेल ! उसे tellow कहते है जैसे गाय के मांस से जो तेल निकलता है उसे beef tellow और सूअर की मांस से जो तेल निकलता है उसे pork tellow कहते है |

इस तेल का सबसे ज़्यादातर उपयोग चेहरे में लगाने वाली क्रीम बनाने में होता है जैसे Fair & Lovely , Ponds , Emami इत्यादि | ये तेल क्रीम बनाने वाली कंपनियो द्वारा खरीदा जाता है ! और जैसा कि आप जानते है मद्रास high court मे श्री राजीव दीक्षित जी ने विदेशी कंपनी fair and lovely के खिलाफ case जीता था जिसमे कंपनी ने खुद माना था कि हम इस fair and lovely मे सूअर की चर्बी का तेल मिलाते हैं !
आप यहाँ click कर देख सकते है !

तो क्त्ल्खानों मे मांस और तेल के बाद जानवरो का खून निकाला जाता है ! कसाई गाय और दूसरे पशुओ को पहले उल्टा रस्सी से टांग देते हैं फिर तेज धार वाले चाकू से उनकी गर्दन पर वार किया जाता है और एक दम से खून बहने लगता है नीचे उन्होने एक ड्रम रखा होता है जिसने खून इकठा
किया जाता है यहाँ click कर देख सकते हैं !

तो खून का सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है अँग्रेजी दवा (एलोपेथि दवा) बनाने मे ! गाय के शरीर से निकला हुआ खून ,मछ्ली के शरीर से निकला हुआ खून बैल ,बछड़ा बछड़ी के शरीर से निकला हुआ खून से जो एक दवा बनाई जाती है उसका नाम है dexorange ! बहुत ही popular दवा है और डाक्टर इसको खून की कमी के लिए महिलाओ को लिखते है खासकर जब वो गर्भावस्था मे होती है क्यूंकि तब महिलाओ मे खून की कमी आ जाती है और डाक्टर उनको जानवरो के खून से बनी दवा लिखते है क्यूंकि उनको दवा कंपनियो से बहुत भारी कमीशन मिलता है !

इसके इलावा रक्त का प्रयोग बहुत बड़े पैमाने पर lipstick बनाने मे होता है ! इसके बाद रक्त एक और प्रयोग चाय बनाने मे बहुत सी कंपनिया करती है ! अब चाय तो पोधे से प्राप्त होती है ! और चाय के पोधे का size उतना ही होता है जितना गेहूं के पोधे का होता है ! उसमे पत्तिया होती है उनको तोड़ा जाता है और फिर उसे सुखाते हैं ! तो पत्तियों को सूखाकर पैकेट मे बंद कर बेचा जाता हैं !

और पतितयो को नीचे का जो टूट कर गिरता है जिसे डेंटरल कहते हैं आखिरी हिस्सा !लेकिन ये चाय नहीं है ! चाय तो वो ऊपर की पत्ती है ! तो फिर क्या करते है इसको चाय जैसा बनाया जाता है ! अगर हम उस नीचले हिस्से को सूखा कर पानी मे डाले तो चाय जैसा रंग नहीं आता ! तो ये विदेशी कपनिया brookbond,ipton,आदि क्या करती है जानवरो के शरीर से निकला हुआ खून को इसमे मिलकर सूखा कर डिब्बे मे बंद कर बेचती है ! तकनीकी भाषा मे इसे tea dust कहते है !तो tea dust को जी चाय बनाकर बेचने के लिए काफी कंपनिया जानवरो के खून का प्रयोग करती हैं !इसके इलवा कुछ कंपनिया nail polish बनाने ने प्रयोग करती है !!

मांस,तेल ,खून ,के बाद क्त्ल्खानों मे पशुओ कि हड्डीया निकलती है ! और इसका प्रयोग toothpaste बनाने वाली कंपनिया करती है colgate,close up,pepsodent cibaca,आदि आदि ! सबसे पहले जानवरो कि हड्डियों को इकठा किया जाता है ! उसे सुखाया जाता है फिर एक मशीन आती है bone crasher ! इसमे इसको डालकर इसका पाउडर बनाया जाता है और कंपनियो को बेचा जाता है !shiving cream बनाने वाली काफी कंपनिया भी इसका प्रयोग करती हैं !

और आजकल इन हड्डियों का प्रयोग जो होने लगा है टेल्कम powder बनाने मे ! नहाने के बाद लोग लागाते हैं उसमे इसका प्रयोग होता है ! क्यूंकि ये थोड़ा सस्ता पड़ता है ! वैसे टेल्कम powder पथर से बनता है! और 60 से 70 रुपए किलो मिलता है और गाय की हड्डियों का powder 25 से 30 रुपए मिल जाता है !! इस लिए कंपनिया हड्डियों का प्रयोग करती हैं !

इसके बाद गाय ऊपर की जो चमड़ी है उसका सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है cricket के ball बनाने मे ! लाल रंग की ball होती है आज कल सफ़ेद रंग मे भी आती है ! जो गाय की चमड़ी से बनाई जाती है !गाय के बछड़े की चमड़ी का प्रयोग ज्यादा होता है ball बनाने मे ! दूसरी एक ball होती है foot ball ! cricket ball तो छोटी होती है ! पर foot ball बड़ी होती है इसमे और ज्यादा प्रयोग होता है गाय के चमड़े का !!

आजकल और एक उद्योग मे इस चमड़े का बहुत प्रयोग हो रहा है !जूते चप्पल बनाने मे ! अगर आप बाजार से कोई ऐसा जूता चप्पल खरीदते है ! जो चमड़े का है और बहुत ही soft है तो वो 100 % गाय के बछड़े के चमड़े का बना है ! और अगर hard है तो ऊंट और घोड़े के चमड़े का ! इसके इलवा चमड़े के प्रयोग पर्स ,बेल्ट जो बांधते है ! इसके इलवा आजकल सजावट के समान ने इन का प्रयोग किया जाता है !!


तो गाय और गाय जैसे जानवरो आदि का कत्ल होता है ! तो 5 वस्तुए निकलती है !!

1) मांस निकला ——जो मांसाहारी लोग खाते है !

2)चर्बी का तेल —-जो cosmatic बनाने मे प्रयोग हुआ !

3) खून निकाला —— जो अँग्रेजी एलोपेथी दवाइया ,चाय बनाने मे ! nailpolish lipstick मे !

4)हडडिया निकली —— इसका प्रयोग toothpaste, tooth powder,shiving cream मे !aur टेलकम powder

5) चमड़ा निकला !—— इसका प्रयोग cricket ball,foot ball जूते, चप्पल, बैग ,belt आदि !

जैसा ऊपर बताया 35000 क्तलखाने है और 4 करोड़ गाय ,भैंस ,बछड़ा ,बकरी ,ऊंट आदि काटे जाते है !
तो इनसे जितना मांस उतपन होता है वो बिकता है ! चर्बी का तेल बिकता है !खून बिकता है हडडिया और चमड़ा बिकता है !!
तो निकलने वाली इन पाँच वस्तुओ का भरपूर प्रयोग है और एक बहुत बड़ा बाजार है इस देश मे!!


इसके इलवा गाय के शरीर के अंदर के कुछ भाग है ! उनका भी बहुत प्रयोग होता है !जैसे गाय मे बड़ी आंत होती है !! जैसे हमारे शरीर मे होती है ! ऐसे गाय के शरीर मे होती है ! तो जब गाय के काटा जाता है ! तो बड़ी आंत अलग से निकली जाती है ! और इसको पीस कर gelatin बनाई जाती है !जिसका बहुत जादा प्रयोग आइसक्रीम, चोकोलेट,आदि
इसके इलवा Maggi . Pizza , Burger , Hotdog , Chawmin के base matirial बनाने मे भरपूर होता है | और एक jelly आती red orange color की उसमे gelatin का बहुत प्रयोग होता है ! chewgum तो gelatin की बिना बन ही नहीं सकती !!gelatin बनाने के google पर आप काफी link देख सकते है !!maggi ,i चाकलेट वाली कंपनिया सबसे ज्यादा धोखा दे रही हैं !
आजकल जिलेटिन का उपियोग साबूदाना में होने लगा है | जो हम उपवास मे खाते है !


तो ये सब वस्तुओ जो जानवरो के कत्ल के बाद बनाई जाती है ! और हम जाने अनजाने मे इन का प्रयोग अपने जीवन मे कर रहे है ! और कुछ लोग अपने आप को 100 टका हिन्दू कहते है ! शाकाहारी कहते है !और कहीं न कहीं इस मांस का प्रयोग कर रहे है ! और अपना धर्म भ्रष्ट कर रहे है !

तो आप इन सबसे बचे ! और अपना धर्म भ्रष्ट होने से बचाये !एक बात हमेशा yaad रखे टीवी पर देखाये जाने वाले विज्ञापन (ads) को देख अपने घर मे कोई वस्तु न लाये ! इनमे ही सबसे बड़ा धोखा है !
जैसे चाकलेट का विगयापन आता है केडबरी nestle आदि !! coke pepsi का आता है ! fair and lovely आदि क्रीमे ! colgate closeup pepsodent आदि आदि toothpaste !!

तो आप अपने दिमाग से काम ले इन सब चीजों से बचे !! क्यूंकि विज्ञापन उनी वस्तुओ का दिखाया जाता है जिनमे कोई क्वाल्टी नहीं होती !! देशी गाय का घी बिना विज्ञापन के बिकता है नीम का दातुन बिना विज्ञापन के बिकता है गन्ने का रस बिना विज्ञापन के बिकता है !!

विज्ञापन का सिद्धांत है गंजे आदमी को भी कघा बेच दो !! एक ही बात को बार-बार,बार-बार दिखाकर आपका brain wash करना !! ताकि आप सुन सुन कर एक दिन उसे अपने घर मे उठा लाये !!

आपने पूरी post पढ़ी आपका बहुत बहुत धन्यवाद !!


और हमे अब इस देश मे ऐसी सरकार लानी है जो पहला काम यही करे कि अंग्रेज़ो के समय से चल रहे ये सारे क्त्लखानों को बंद करने का बिल संसद मे लाये और इसे पास करे !!

आपके मन मे जानवरो के प्रति थोड़ा भी दया का भाव तो इस link पर click कर देखे !!

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Fair and lovely के खिलाफ़ मद्रास हाईकोर्ट में केस

राजीव दीक्षित जी का दोस्त जो होस्टल में उनके साथ पड़्ता था । 12 साल से fair and lovely लगा रहा था । फ़िर भी चिक्कट काला । और बोला होस्टल में आने से पहले भी 8 साल से लगा रहा है ।

राजीव भाई ने कहा कभी तो तु सुधरेगा । तो उसने कहा कल से fair and lovely बंद ।

राजीव भाई ने पूछा तेरे पास fair and lovely ख़रीदने का बिल है । उनसे
कुछ बिल निकाल कर दिये । जिसके आधार पर उन्होने मद्रास हाईकोर्ट में केस दर्ज कर दिया । पहले तो जज ने कहा मेरे घर में भी यही समस्या है ! लेकिन उसने बहुत सुंदर जजमेंट दिया !
कंपनी के अधिकारियो को वहां जाना पड़ा । जज ने पूछा । कि आपने इसमे क्या मिलाया है ।
जो काले को गोरा बना देती है । उन्होने बोला जी कुछ नहीं मिलाया । तो जज ने पुछा ये बनती कैसे है । तो उन्होने कहा( सूअर की चर्बी के तेल से )।

देश के पढ़े लिखे गवार विज्ञापन देख आपने मुँह पर सुअर की चर्बी का तेल थोप रहे है । और अपने आप को बहुत होशियार समझ रहे है !!
और यह कितनी महंगी है !!

25 ग्राम 40 रुपए की
मतलब 50 ग्राम 80 रूपये की
और 100 ग्राम 160 रूपये की !
मतलब 1600 रूपये की 1 किलो !!

देश के पढे लिखे ग्वार लोग 1600 रूपये किलो का सूअर की चर्बी का तेल मुह पर थोप रहे हैं लेकिन 400 -500 रूपये किलो बादाम या काजू नहीं खा रहे !!!!

मित्रो सुंदरता fair and lovely मे नहीं है सुंदरता करीम पाउडर या लिपस्टिक में नहीं है !!
सुंदरता गुण कर्म और सुभाव में होती है !!

आपके गुण अच्छे है कर्म अच्छे है सुभाव अच्छा है तो आप बहुत सुंदर है !!

वन्देमातरम !!

यहाँ जरूर click कर देखें !! court मे case की कहानी !

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देश के महानतम प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री जी

दो घंटे युद्ध और चलता ! तो भारत की सेना ने लाहोर तक कब्जा कर लिया होता !!
लेकिन तभी पाकिस्तान को लगा कि जिस रफ्तार से भारत की सेना आगे बढ़ रही हमारा तो पूरा अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा !

तभी पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा कि वो किसी तरह से युद्ध रुकवा दे !! अमेरिका जानता था कि शास्त्री जी इतनी जल्दी नहीं मानने वाले !! क्यूँ कि वो पहले भी दो -तीन बार भारत को धमका चुका था !!

धमका कैसे चुका था ??

अमेरिका से गेहूं आता था भारत के लिए PL 48 स्कीम के अंडर ! ! PL मतलब public law 48 ! जैसे भारत मे सविधान मे धराए होती है ऐसे अमेरिका मे PL होता है ! तो बिलकुल लाल रंग का सड़ा हुआ गेंहू अमेरिका से भारत मे आता था ! और ये समझोता पंडित नेहरू ने किया था !!

जिस गेंहू को अमेरिका मे जानवर भी नहीं खाते थे उसे भारत के लोगो के लिए आयात करवाया जाता था ! आपके घर मे कोई बुजुर्ग हो आप उनसे पूछ सकते हैं कितना घटिया गेहूं होता था वो !!

तो अमेरिका ने भारत को धमकी दी कि हम भारत को गेहूं देना बंद कर देंगे ! तो शास्त्री जी ने कहा हाँ कर दो ! फिर कुछ दिन बाद अमेरिका का ब्यान आया कि अगर भारत को हमने गेंहू देना बंद कर दिया ! तो भारत के लोग भूखे मर जाएँगे !!

शास्त्री जी ने कहा हम बिना गेंहू के भूखे मारे या बहुत अधिक खा के मरे ! तुम्हें क्या तकलीफ है !???
हमे भूखे मारना पसंद होगा बेशर्ते तुम्हारे देश का सड़ा हुआ गेंहू खाके !! एक तो हम पैसे भी पूरे दे ऊपर से सड़ा हुआ गेहूं खाये ! नहीं चाहीये तुम्हारा गेंहू !!

फिर शास्त्री ने दिल्ली मे एक रामलीला मैदान मे लाखो लोगो से निवेदन किया कि एक तरफ पाकिस्तान से युद्ध चल रहा है ! ऐसे हालातो मे देश को पैसे कि बहुत जरूरत पड़ती है ! सब लोग अपने फालतू खर्चे बंद करे ! ताकि वो domestic saving से देश के काम आए ! या आप सीधे सेना के लिए दान दे ! और हर व्यति सप्ताह से एक दिन सोमवार का वर्त जरूर रखे !!

तो शास्त्री जी के कहने पर देश के लाखो लोगो ने सोमवार को व्रत रखना शुरू कर दिया ! हुआ ये कि हमारे देश मे ही गेहु बढ्ने लगा ! और शास्त्री जी भी खुद सोमवार का व्रत रखा रखते थे !!

शास्त्री जी ने जो लोगो से कहा पहले उसका पालन खुद किया ! उनके घर मे बाई आती थी !! जो साफ सफाई और कपड़े धोती थी ! तो शास्त्री जी उसको हटा दिया और बोला ! देश हित के लिए मैं इतना खर्चा नहीं कर सकता ! मैं खुद ही घर कि सारी सफाई करूंगा !क्यूंकि पत्नी ललिता देवी बीमार रहा करती थी !
और शास्त्री अपने कपड़े भी खुद धोते थे ! उनके पास सिर्फ दो जोड़ी धोती कुरता ही थी !!

उनके घर मे एक ट्यूटर भी आया करता था जो उनके बच्चो को अँग्रेजी पढ़ाया करता था ! तो शास्त्री जी ने उसे भी हटा दिया ! तो उसने शास्त्री जी ने कहा कि आपका अँग्रेजी मे फेल हो जाएगा ! तब शास्त्री जी ने कहा होने दो ! देश के हजारो बच्चे अँग्रेजी मे ही फेल होते है तो इसी भी होने दो ! अगर अंग्रेज़ हिन्दी मे फेल हो सकते है तो भारतीय अँग्रेजी मे फेल हो सकते हैं ! ये तो स्व्भविक है क्यूंकि अपनी भाषा ही नहीं है ये !!

एक दिन शास्त्री जी पत्नी ने कहा कि आपकी धोती फट गई है ! आप नई धोती ले आईये ! शास्त्री जी ने कहा बेहतर होगा ! कि सोई धागा लेकर तुम इसको सिल दो ! मैं नई धोती लाने की कल्पना भी नहीं कर सकता ! मैंने सब कुछ छोड़ दिया है पगार लेना भी बंद कर दिया है !! और जितना हो सके कम से कम खर्चे मे घर का खर्च चलाओ !!

अंत मे शास्त्री जी युद्ध के बाद समझोता करने ताशकंद गए ! और फिर जिंदा कभी वापिस नहीं लौट पाये !! पूरे देश को बताया गया की उनकी मृत्यु हो गई ! जब कि उनकी ह्त्या कि गई थी !!

ह्त्या का सारा राज जानने के लिए यहाँ click करे


भारत मे शास्त्री जी जैसा सिर्फ एक मात्र प्रधानमंत्री हुआ ! जिसने अपना पूरा जीवन आम आदमी की तरह व्तीत किया ! और पूरी ईमानदारी से देश के लिए अपना फर्ज अदा किया !!

जिसने जय जवान और जय किसान का नारा दिया !!

क्यूंकि उनका मानना था देश के लिए अनाज पैदा करने वाला किसान और सीमा कि रक्षा करने वाला जवान बहुत दोनों देश ले लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है !!

स्वदेशी की राह पर उन्होने देश को आगे बढ़ाया ! विदेशी कंपनियो को देश मे घुसने नहीं दिया ! अमेरिका का सड़ा गेंहू बंद करवाया !!

ऐसा प्रधानमंत्री भारत को शायद ही कभी मिले ! अंत मे जब उनकी paas book चेक की गई तो सिर्फ 365 रुपए 35 पैसे थे उनके बैंक आकौंट मे ! !

शायद आज कल्पना भी नहीं कर सकते ऐसा नेता भारत मे हुआ !!

आज प्र्धामंत्री अमेरिका ke agent है ! लाखो करोड़ो के घोटाले करते है !!
विदेशी कंपनियो को भगाना तो दूर !! walmart ला रहे हैं !!
लाखो करोड़ो के घोटाले कर रहे हैं !!l

ह्त्या का सारा राज जानने के लिए यहाँ click करे

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खानदानी लुटेरों की कहानी

कांग्रेस ने 6,7 साल पहले एक सर्वे करावा । कि पता करो कि देश में सही में
ग़रीबो की संख्या कितनी हैं ? ? ?

क्यों कि पहले कोई कहता था कि 25 करोड- हैं ,कोई कहता था कि 35 करोड- हैं ,कोई
कहता था कि 37 करोड- हैं ,

तो सर्वे कराया |सर्वे के लिये अर्जुन सेनगुप्ता को कहा गया ।अर्जुन सेनगुप्ता
भारत के बहुत बड़े अर्थशास्त्री हैं । और इंदिरा गांधी के समय से भारत सरकार
के आर्थिक सलाहकार रहे हैं ।

तो उन्होने 3,4 साल कि मेहनत के बाद संसद मे एक रिपोर्ट प्रस्तुत की ।

रिपोर्ट कहती है देश कि कुल आबादी 115 कारोड़ ।और एक 115 कारोड़ मे से 84
कारोड़ 30 लाख लोग ऐसे है । जो एक दिन 20 रुपये भी खर्च नहीं कर पाते । और 84
कारोड़ 30 लाख में से 50 कारोड़ लोग ऐसे हैं । जो एक दिन में 10 रुपये भी खर्च
नहीं कर पाते ।
और 15 कारोड़ ऐसे है 5 रुपये भी रोज के नहीं खर्च कर पाते ।

और 5 कारोड़ ऐसे है 50 paise भी रोज के नहीं खर्च कर पाते ।

ये हमारे देश भारत की नंगी वास्विकता है कठोर सच्चाई है !

जब वो रिपोर्ट आई तो सब के रंग उड़ गये ।

कि आखिर 64 मे हमने किया क्या ? ? ?

इतनी ग़रीबी इतनी बदहाली ।

सबसे अजीब बात ये हैं कि 1947 के बाद जब पंडित नेहरु ने ग़रीबो की संख्या पता
करने के लिये सर्वे करवाया । तो पता चला देश में ग़रीबो की कुल संख्या 16
कारोड़ है । ।

1952 में नेहरु संसद मे खड़ा होकर चिल्ला रहा । एक पंच वार्षिक योजना लागू हो
गई तो सारी ग़रीबी मिट जायेगी ।

तो 1952 में पहले पंच वार्षिक योजना बनाई गई । लेकिन 5 साल बाद देखा गया कि
ग़रीबी उलटा और बढ़ गई ।

1957 मे फ़िर बोला एक और पंच वार्षिक योजना बन गई तो ग़रीबी खत्म ।

1963 आ गया ग़रीबी नहीं मिटी । फ़िर पंच वार्षिक योजना बनाई फ़िर ग़रीबी नहीं
मिटी ।

फ़िर 1968 मे बनाई फ़िर 1972 में ऐसे करते करते aaj 2007 तक कुल 11 पंच वर्षिक
योजनाये बन चुकी है । गरीबी मिटना तो दूर उल्टा गीरबों की सख्या 84 करोड़ 30
लाख हो गयी !

लेकिन क्या आप जानते हैं ??? कि अगर ये खानदानी लूटेरे एक भी पंच वर्षिक योजना
ना बनाते । और 110 लाख करोड ग़रीबो को नकद ही बांट दिया होता तो एक एक गरीब को
1 लाख 50 हजार मिल जाते और सारी ग़रीबी खत्म हो जाती ।

इतनी बढ़ी रकम होती 110 लाख कारोड़ ।

कैलकूलेटर पर आप इसे लिख नहीं सकते ।

कैलकूलेटर पर 12 अंक आते है । 110 लाख कारोड में 16 अंक होते हैं ।

110 लाख करोड़ आपके और मेरे tax का पैसा था ।

जो ग़रीबो पर तो लगा नहीं ।

लेकिन सोनिया गांधी विश्व की चौथी अमीर बन गयी ।

और एक बात इस साल 2012 में फिर गरीबी दूर करने के लिए 12 वी पंच वार्षिक योजना
बनाई गई है

और इसके लिए वर्ल्ड बैंक से फिर कर्ज लिया है !और 7 लाख करोड़ फिर गरीबी दूर
करने के लिए खर्च किया जाएगा !!

अब आप बताए गरीबी दूर होगी या खानदानी लूटेरे और अमीर होंगे ??????

_________गरीबी में बढ़ोतरी का कारण _________

जब भारत 1947 मे आज़ाद हुआ था
तो भारत की कुल जनसँख्या 40 करोड़ थी
तथा गरीबों की कुल जनसँख्या केवल 4 करोड़ थी..
40 करोड़ मे से 4 करोड़ गरीब मतलब 10 %

2012 मे जनसख्या हो गई
40 करोड़ की 120 करोड़ !
मतलब 3 गुना बढ़ गई !

तो गरीबी भी 3 गुना बढ़नी चाहिए !

4 करोड़ की गरीबी 12 करोड़ होनी चाहिए !

लेकिन गरीबी 4 करोड़ से 84 करोड़ हो गई !

ऐसा क्या हुआ जो गरीबों की संख्या बढ़कर 84 करोड़ हो गयी ????

इसका एक ही कारण है 65 साल मे इस देश की लूट इतनी हुई की गरीबी 84 करोड़ हो गयी !

तब गरीबी हटाने के लिए पंच वर्षीय योजनायें बनायीं गयीं पर ऐसा क्या हुआ जो 11 पंच वर्षीय योजनाओं के बाद भी गरीबी कम नहीं हुई बल्कि इतनी तेज़ी से बढ़ी……

कारण है देश पर शासन करने वालों की लूट, भ्रष्टाचार और नीचता में ज़बरदस्त बढ़ोतरी हुई और ये तो आप भी जानते हैं इस देश पर शासन करने वाले कौन हैं ?
ये वहीँ जिनका इस देश पर 55 वर्षों तक शासन रहा है और आज भी है…..ये वहीँ हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी इस देश को लूटते आ रहे हैं और आगे भी लूटते रहेंगे l
और जब तक इनका शाशन इस देश पर रहेगा इस देश से गरीबी कभी नहीं मिट सकती….

सीधे शब्दों में कहें तो कारण है “कांग्रेस”….यदि यह जाने के बाद भी आप कांग्रेस को चुनते हैं तो भारत की इस दुर्दशा के कारण आप भी हैं l

अधिक जाने के लिए ये व्याख्यान सुनें : देखे !!

यहाँ जरूर click करे !

वन्देमातरम !!
google पर Arjun Sengupta report: search कर देख सकते हैं

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ह्रदय रोगियो की संख्या बढ़ने का कारण व् रोकथाम

खराब खानपान की आदतों और पश्चिमी चीज़ों के अंधे अनुकरण के कारण आज भारत में ह्रदय रोगियों की संख्या काभी बढ़ गयी है……

मेडिकल आयुर्विज्ञान के अनुसार यह एक जानलेवा बिमारी है जिसका मेडिकल साइंस में कोई पक्का इलाज नहीं……क्योंकि इसका इलाज काफी महंगा और कई बड़ी विदेशी कम्पनियों पर आश्रित है इसलिए आजकल तो ह्रदय रोग के इलाज के लिए लोन भी मिलने लगा हैं…..

पर आपको जान कर आश्चर्य होगा की आयर्वेद के अनुसार यह कोई इतना बड़ा रोग नहीं जिसके लिए शल्य चिकित्सा की ज़रूरत पड़े, इसका इलाज इतना सरल और सस्ता है की आप इसे घर बैठे आसानी से कर सकते हैं…..

__________सबसे पहले इस रोग का कारण जान लीजिये_________
आयुर्वेद के अनुसार ह्रदय रोग का सबसे बड़ा कारण है अपच (Indigestion), क्योंकि जिन्हें भोजन ठीक से पचता नहीं उन्ही के रक्त में ख़राब Cholestrol (LDL,VLDL) की मात्रा बढती है l जिनका पाचन अच्छा होता है उन्हें ह्रदय रोग कभी नहीं हो सकता l
ह्रदय रोग का दूसरा बड़ा कारण है शरीर में वात दोष का बढ़ना l
तथा ह्रदय रोग का तीसरा बड़ा कारण है रक्त की अम्लता (Acidity) में वृद्धि(प्रथम दो दोषों का के कारण) l

_______ह्रदय रोग का इलाज__________
महर्षि वाग्भट द्वारा रचित आयुर्वेदिक शास्त्र ‘अष्टांग हृदयं’ के अनुसार यदि आपको ह्रदय रोग की समस्या है तो इसका सीधा अर्थ है की आपके रक्त की अम्लता सामान्य से ज्यादा है जिसे कम करने की आवश्यकता है….जैसे रसायन शास्त्र में अम्लता (Acidity) कम करने के लिए क्षारविशिष्ट(Alkaline) रसायनों का उपयोग होता है उसी प्रकार शरीर में भी
रक्त की अम्लता कम करने के लिए क्षारविशिष्ट चीज़ें खानी चाहिए…

सबसे क्षार प्राकृतिक वास्तु है लौकी, तुलसी, पुदीना, काला तथा सेंधा नमक……इस चीज़ों के नियमित उपयोग से रक्त की अम्लता कम होती है तथा शरीर में ख़राब Cholestrol में कमी आती है जिससे ह्रदय रोग अपने आप ख़त्म हो जाता है…

क्योंकि आज के समय में ह्रदय रोग लाखों करोड़ रुपयों का उद्योग बन चुका है, इसलिए उसका इतना सरल इलाज भी हो सकता है शायद आपको इस पर संदेह हो, परन्तु यह पूर्ण सत्य है……पतंजली योगपीठ में लाखों ह्रदय रोगियों को केवल लौकी का जूस और योग ने ठीक कर दिया है……

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