ह्रदय रोगियो की संख्या बढ़ने का कारण व् रोकथाम


खराब खानपान की आदतों और पश्चिमी चीज़ों के अंधे अनुकरण के कारण आज भारत में ह्रदय रोगियों की संख्या काभी बढ़ गयी है……

मेडिकल आयुर्विज्ञान के अनुसार यह एक जानलेवा बिमारी है जिसका मेडिकल साइंस में कोई पक्का इलाज नहीं……क्योंकि इसका इलाज काफी महंगा और कई बड़ी विदेशी कम्पनियों पर आश्रित है इसलिए आजकल तो ह्रदय रोग के इलाज के लिए लोन भी मिलने लगा हैं…..

पर आपको जान कर आश्चर्य होगा की आयर्वेद के अनुसार यह कोई इतना बड़ा रोग नहीं जिसके लिए शल्य चिकित्सा की ज़रूरत पड़े, इसका इलाज इतना सरल और सस्ता है की आप इसे घर बैठे आसानी से कर सकते हैं…..

__________सबसे पहले इस रोग का कारण जान लीजिये_________
आयुर्वेद के अनुसार ह्रदय रोग का सबसे बड़ा कारण है अपच (Indigestion), क्योंकि जिन्हें भोजन ठीक से पचता नहीं उन्ही के रक्त में ख़राब Cholestrol (LDL,VLDL) की मात्रा बढती है l जिनका पाचन अच्छा होता है उन्हें ह्रदय रोग कभी नहीं हो सकता l
ह्रदय रोग का दूसरा बड़ा कारण है शरीर में वात दोष का बढ़ना l
तथा ह्रदय रोग का तीसरा बड़ा कारण है रक्त की अम्लता (Acidity) में वृद्धि(प्रथम दो दोषों का के कारण) l

_______ह्रदय रोग का इलाज__________
महर्षि वाग्भट द्वारा रचित आयुर्वेदिक शास्त्र ‘अष्टांग हृदयं’ के अनुसार यदि आपको ह्रदय रोग की समस्या है तो इसका सीधा अर्थ है की आपके रक्त की अम्लता सामान्य से ज्यादा है जिसे कम करने की आवश्यकता है….जैसे रसायन शास्त्र में अम्लता (Acidity) कम करने के लिए क्षारविशिष्ट(Alkaline) रसायनों का उपयोग होता है उसी प्रकार शरीर में भी
रक्त की अम्लता कम करने के लिए क्षारविशिष्ट चीज़ें खानी चाहिए…

सबसे क्षार प्राकृतिक वास्तु है लौकी, तुलसी, पुदीना, काला तथा सेंधा नमक……इस चीज़ों के नियमित उपयोग से रक्त की अम्लता कम होती है तथा शरीर में ख़राब Cholestrol में कमी आती है जिससे ह्रदय रोग अपने आप ख़त्म हो जाता है…

क्योंकि आज के समय में ह्रदय रोग लाखों करोड़ रुपयों का उद्योग बन चुका है, इसलिए उसका इतना सरल इलाज भी हो सकता है शायद आपको इस पर संदेह हो, परन्तु यह पूर्ण सत्य है……पतंजली योगपीठ में लाखों ह्रदय रोगियों को केवल लौकी का जूस और योग ने ठीक कर दिया है……

Via_ http://bit.ly/ThaluaClub

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