मिसकॉल का इतिहास और उत्पत्ति – आशीष मिश्र


मिसकॉल है क्या ?

फोन पर कुछ सेकण्ड बजकर आपके फोन छूने से पहले ही कट जाने वाले कॉल को मिसकॉल कहते हैं।

मिसकॉल की उत्पत्ति कैसे हुई?

इसकी उत्पत्ति को लेकर अनुसंधानकर्ताओं और इतिहासकारों में काफी मतभेद हैं,कुछ लोग इसे किसी कंजूस के दिमाग की उपज बताते हैं तो कुछ लोगों के अनुसार बीसवीं सदी के आखिरी वर्षों में कैलिफोर्निया के किसी उपवन में एक व्यापारी के हाथ से फोन छूटकर गिरकर आधे में कट जाने के कारण इसकी उत्पत्ति हुई। भारतीय इतिहासकारों की माने तो सिन्धुघाटी सभ्यता से जुड़ी खुदाई के दौरान लोथल में उन्हें मर्तबान में बंद एक कबूतर के अस्थिपंजर के साथ कोरा ताम्रपत्र मिला है,जिसे पहला मिसकॉल माना जा सकता है ।

मिसकॉल कितने प्रकार के होते हैं?

कई बार कॉल सिर्फ इसलिए मिस्ड हो जाती है क्योंकि आप अपने मोबाइल फोन के समीप उपस्थित नहीं होते,ऐसे में पूरे समय बजकर छूटने वाली कॉल को ‘स्वाभाविक मिसकॉल’ कहते हैं।
कई बार ऑफिस,मीटिंग,कार या गर्लफ्रेण्ड की निगरानी में होने के कारण आप चाहते हुए भी फोन नहीं उठा पाते इसे ‘परिस्थितिजन्य मिसकॉल’ कहते हैं।
लेकिन अक्सर योजनाबद्ध तरीके से सेकण्ड के लघुतम अंतराल का ध्यान और अनुमान लगाकर उठाने के पहले काटे गए कॉल को ‘इरादतन मिसकॉल’ कहते हैं।

मिसकॉल करता कौन है?

मिसकॉल कोई भी कर सकता है,आपकी गर्लफ्रेण्ड,पडोसी,रिश्तेदार,मिर्जापुर वाली बुआ का बेटा,ऑफिस का सहकर्मी,मकानमालिक कोई भी,किसी पर भी भरोसा नहीं किया जा सकता,हो सकता है आप जिस पर सबसे ज्यादा विश्वास करते हों वो भी आपके साथ विश्वासघात कर जाए और आपको मिसकॉल कर दे।

कोई मिसकॉल करता ही क्यों है?

कई कारण है,कुछ लोग देश और समाज को काफी कुछ देना चाहते हैं पर सिर्फ मिसकॉल दे पाते हैं,कुछ लोग मजबूरी में मिसकॉल करते हैं क्योंकि उनके फोन में बैलेंस ही इतना बचता है कि वो बस मिसकॉल कर पाते हैं। कुछ लोग मोबाइल में बैलेंस डलवाकर सामने वाले को फोन करना पैसे की बर्बादी मानते हैं तो कुछ लोग कंजूसी के चलते मिसकॉल करते हैं । कई बार मिसकॉल लोगों के मूड के हिसाब से आते हैं,अगर फोन पर की जाने वाली बात से आपका भला होने वाला है तो आपको मिसकॉल किया जाता है वर्ना कॉल। कुछ लोग हिचकिचाहट की वजह से मिसकॉल करते हैं,कि कहीं आप व्यस्त हों और फोन की वजह से आपका जरुरी काम न छूट जाए,मिसकॉल देख आप समय मिलने पर कॉल कर लेंगे ।
कुछ लोग मितव्ययी होते हैं पर कंजूस नहीं इसलिए वो मिसकॉल करके पहले आपको सतर्क करते हैं जब आप अपने सारे काम छोड़कर फोन तक आते हैं वो कॉल कर देते हैं,कुछ लोग हीनभावना से दबे होते हैं,उन्हें लगता है कि अगर वो आपको अपने खर्चे पर कॉल करेंगे तो ये आपका अपमान होगा ।
और सबसे अंत में वो मिसकॉल जो अधिकारपूर्वक की जाती हैं,ऐसी कॉल अक्सर बीवियों और गर्लफ्रेण्ड की ओर से आती हैं,ऐसी कॉल आने पर उसके मिस होने से पहले कट कर वापिस लगाना होता है ।

मिसकॉल का साहित्य में क्या योगदान रहा है?

मिसकॉल किताबों और मोबाइल की कॉललॉग से निकल म्यूजिक गैलरी तक पहुँच गया है,भोजपुरी गानों की अमृतवर्षा के बीच आप ‘मिसकॉल मार रही हो चुम्बन की अभिलाषी हो,का हो?’ भावार्थ वाले गीत सुन सकते हैं,हालांकि बिहार पुलिस के नए नियम के बाद कि महिलाओं को मिसकॉल करने पर जेल भी हो सकती है इसके निहितार्थ बदल गए हैं।
बॉलीवुड में भी इसे हाथों-हाथ स्वीकार किया गया है, यहाँ तक कि परम पूजनीय ‘भाई’ सलमान खान ने खुद बेल्ट हिला-हिलाकर संकेत किया है ‘बालिकाएं पटाएंगे हम मिसकॉल से,तेरे चित्र को हृदय से मित्र चस्पा कर लेंगे फेविकॉल से ’।

मिसकॉल से निज़ात कैसे पाएं?

मिसकॉल लाइलाज़ है,बचाव ही उपचार है। मिसकॉल से बचने जाएंगे तो कई जरुरी कॉल्स छूट जाएंगी,अपना दिल बड़ा कीजिये और जेब ढ़ीली,रोज सुबह योग कीजिये एकाग्रता बढाइये,यू-ट्यूब पर जोंटी रोड्स और कैफ के कैचेज देखकर अपना रिएक्शन टाइम बढाइये,कॉल्स को मिस होने के पहले ही उठाइए,और अगर सफल न हो सके और आपका कोई काम न अटक रहा हो तो कॉल करने की बजाय खुद ही मिसकॉल करना शुरू कर दीजिये

-आशीष मिश्रा (कटाक्ष)

Download Thalua Club Android App for More Articles https://play.google.com/store/apps/details?id=com.thaluaclub.in

अपनी टिप्पणी दर्ज करें